Sunday, April 20, 2008

आडवाणी ने फिर गाए ‘जिन्ना गुण’

भाजपा के प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी और वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने दोहराया है कि पाकिस्तान के संस्थापक नेता मोहम्मद अली जिन्ना एक सेकुलर नेता थे। आडवाणी की 2005 की पाकिस्तान यात्रा के दौरान उनके इस आशय के बयान पर बवाल के बाद उन्हें पार्टी अध्यक्ष का पद छोड़ना पड़ा था।
आडवाणी ने पाकिस्तान के डॉन न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में जिन्ना को स्वाभाविक रूप से एक सेकुलर नेता बताते हुए कहा, ‘यदि 11 अगस्त 1947 को दिए जिन्ना के भाषण पर अमल किया जाता तो पाकिस्तान भी आज एक धर्मनिरपेक्ष देश होता।’आडवाणी ने पाकिस्तान यात्रा के बाद भाजपा द्वारा कड़ा प्रस्ताव पारित करने का उल्लेख करते हुए जिन्ना के भाषण को भुला दिए जाने को इसकी वजह बताया।
ढांचा ढहाने से व्यथित: अयोध्या पर अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए आडवाणी ने कहा कि जहां उन्होंने अयोध्या में मंदिर निर्माण आंदोलन का समर्थन किया, वहीं वे विवादित ढांचा ढहाने की घटना से व्यथित भी हुए।
मुशर्रफ दोषी : आगरा में 2001 में हुए शिखर सम्मेलन की विफलता के लिए मुशर्रफ द्वारा उन्हें दोषी ठहराए जाने को गलत बताते हुए उन्होंने कहा कि मुशर्रफ के रुख में लचीलेपन के अभाव के कारण सम्मेलन विफल हुआ था। आडवाणी ने कहा, ‘मुशर्रफ यह मानने को ही राजी नहीं थे जम्मू-कश्मीर या पंजाब में आतंकवाद है जिसे वे या उनका देश बढ़ावा दे रहा है। उन्होंने तो जम्मू-कश्मीर या देश के अन्य जगहों पर जो हो रहा है उसे आतंकवाद कहने तक से इनकार कर दिया था।’
मोदी का बचाव :
2002 में गुजरात दंगों के बाद मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के समर्थन का बचाव करते हुए आडवाणी ने 1984 के सिख दंगों का हवाला देते हुए कहा, ‘तब कांग्रेस ने तर्क दिया था कि जब कोई बड़ा पेड़ गिरता है तो धरती हिलती है, ऐसे में मैं गुजरात सरकार को कैसे दोष दूं। उन्होंने एक सवाल के जवाब में माना कि गुजरात की घटनाएं एक हद तक गोधरा कांड की प्रतिक्रिया थी।