Thursday, January 17, 2008

कोइराला बनाते थे जाली नोट

काठमांडू : नेपाल के प्रधानमंत्री गिरिजा प्रसाद कोइराला ने माना है कि 70 के दशक में वह नकली भारतीय करेंसी बनाने वाले गिरोह के साथ थे। यह काम उन्होंने तब किया था जब देश निकाले के दौरान वह भारत में थे। एक वीकली टीवी शो में कोइराला ने इंटरव्यू में ये चौंकाने वाला खुलासा किया है। इस शो में कोइराला की राजनीतिक गतिविधियों पर एक इंटरव्यू सीरीज चलाई जा रही है। इस इंटरव्यू के दौरान कोइराला ने यह भी खुलासा किया है कि तब के भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ के चीफ आर. एन. काओ ने उन्हें नेपाली एयरलाइन के एक प्लेन को हाइजैक करने के लिए हरी झंडी दी थी। कोइराला का कहना है कि रॉ के चीफ ने उन्हें आश्वासन दिया था कि इस हाइजैकिंग उन पर कोई आंच नहीं आएगी। गौरतलब है कि कोइराला उस टीम के नेता थे जिसने 1973 में बिराट नगर से काठमांडू जा रही एक फ्लाइट को हाइजैक किया था। हालांकि रॉ के बारे में इस टिप्पणी के हिस्से को टीवी इंटरव्यू से अलग कर दिया गया।
गिरिजा प्रसाद कोइराला ने ये भी बताया कि जाली नोट बनाने से उनके जुड़े होने की बात नेपाल के पहले प्रधानमंत्री बी. पी. कोइराला भी जानते थे। गिरिजा प्रसाद कोइराला बी. पी. कोइराला के छोटे भाई हैं।
कोइराला ने बताया कि जाली नोटों के कारोबार से जुड़े लोगों से वह पहली बार बिहार के फोर्ब्सगंज में मिले थे। जब कोइराला को तसल्ली हो गई कि ये जाली नोट नहीं पहचाने जाएंगे तब उन लोगों को अपने साथ मिला लिया। कोइराला ने बताया कि जाली नोट पटना में कभी भागलपुर यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर और राज्य सभा के सदस्य रह चुके डॉ. देवेंद्र सिंह के घर भी ले जाए गए थे। डॉ. सिंह बी. पी. कोइराला के दोस्त रह चुके थे। गिरिजा प्रसाद कोइराला ने बताया कि जाली नोटों का यह कारोबार तंगी में रह रहे नेपाली कांग्रेस के पार्टी कार्यकर्ताओं को मदद पहुंचाने के लिए किया गया था।

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